Mirzapur 3: मिर्जापुर 3 में बना रहने वाला है कालीन और गुड्डू पंडित का भौकाल, कोर्ट ने कहा सेंसर नहीं होना चाहिए कंटेंट

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Mirzapur 3
Mirzapur 3: सुप्रीम कोर्ट कहता है कि OTT प्लेटफार्म पर जो भी वेब सीरीज दिखाई जाती है उसकी प्रिय सेंसरशिप की अनुमति उसे नहीं दी जाएगी। कोर्ट ने वेब सीरीज मिर्जापुर 2 के रिलीज को रोकने या फिर बैन लगाने पर सिर्फ साफ तरीके से इंकार कर दिया गया है। इसी के साथ आपको बता दें कि यह वेब सीरीज अगले सप्ताह में रिलीज होने जा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर बैन लगाने के लिए और उसकी मांग से जुड़ी हुई याचिकाओं को पिछले हफ्ते ही खारिज कर दिया गया था। याचिका के अंदर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर सीधे रिलीज होने वाली वेब सीरीज और फिल्मों या फिर कोई भी अन्य प्रोग्राम के लिए सरकार को एक प्री स्क्रीनिंग कमेटी बनाने का निर्देश देने की मांग उठाई गई थी।

इसी के साथ आपको बता दें कि चीफ जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की बेंच ने मिर्जापुर टू पर बैन लगाने के लिए साफ तरीके से इनकार कर दिया है। OTT प्लेटफार्म पर रिलीज होने वाली जो भी वेब सीरीज और फिल्मों के लिए प्री स्क्रीनिंग कमेटी होगी उसकी मांग पर चीफ जस्टिस ललित कहते हैं कि इस कोर्ट का हमेशा यह तरीका रहा है कि प्री सेंसरशिप की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसी के साथ-साथ वेब सीरीज के लिए भी एक प्रिय स्क्रीनिंग कमेटी कैसे बनाई जाएगी। फिल्मों के लिए एक विशेष कानून सिनेमैटोग्राफ एक्ट होता है। जिसके अनुसार अथॉरिटी प्रीव्यू सेंसरशिप करने में सक्षम होती हैं। जिसके अंदर सेंसरशिप सर्टिफिकेट भी प्राप्त होता है। बता दें कि आप की याचिका अलग होनी चाहिए।

इसी के साथ वह कहते हैं कि OTT प्लेटफार्म पर जो भी प्रसारित होने वाला कंटेंट होता है उसकी pre-screening से जुड़े हुए जो भी मुद्दे हैं जिन पर विचार करना होता है। वह यह भी कहते हैं कि ऐसे बहुत सारे मामलों में प्रसारण अन्य देशों से हुआ करता है दर्शक चाहे भारत में हो या फिर अन्य देश में। ज्यादातर सेटेलाइट से इस देश के बेस्ट नहीं होते हैं। इस बारे में याचिका कुछ विस्तार से होनी बहुत ही जरूरी है। इतना ही नहीं प्रसारण के बाद में किसी भी व्यक्ति को इस से शिकायत होना उसका एक अलग मुद्दा होता है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने इस वेब सीरीज के पिछले भाग के अंदर मिर्जापुर शहर को खराब जगह की तरह देख कर उसको शिकायत करने वाली एक याचिका पर वेब सीरीज मिर्जापुर और अमेज़न प्राइम वीडियो के निर्माताओं को एक नोटिस भी दे दिया था।

याचिका के अंदर यह भी देखा गया था कि वेब सीरीज के अंदर निर्माताओं ने मिर्जापुर को गुंडों और व्यभिचार के शहर के रूप में दर्शाया है। इतना ही नहीं इससे उत्तर प्रदेश के अंदर मौजूद मिर्जापुर की छवि भी खराब होने लगती है। याचिका में यह दायर किया गया था कि वेब सीरीज के अंदर निर्माताओं ने मिर्जापुर को गुंडों और व्यभिचार बवाले लोगों के शहर के रूप में उसको दर्शाया है। इसी के साथ साथ इस तरह के प्रदर्शन से मिर्जापुर शहर की छवि खराब होने लग जाती है।